मंजिल तो पाना है।

शिखर पर जाना है।

चाहे कुछ भी हो जाये,

खुद से किये वादा निभाना है।

संजय कुमार निषाद


Tuesday, November 1, 2016

HAPPY DEEPAWALI

आज दीपोत्सव है। दीपों का त्योहार, अर्थात् अंधकार को दूर करने का त्योहार। आज के दिन अंधकार को मिटाने एवं प्रकाश को फैलाने का भरपूर प्रयास हमसब के द्वारा होता है।  स्वच्छता पर भी आज के दिन विशेष ध्यान दिया जाता है।  हमलोग वर्षों से दीपोत्सव मनाते आ रहे हैं। आजकल कुछ लोग इसके इतिहास पर संदेह भी कर रहे हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि यह सिर्फ अमीरों का पर्व है। असल में अंधकार मिटाने और प्रकाश फैलानेवाले इस पर्व का महत्व उससे कहीं अधिक है जितना हमलोग मानते हैं।  जब अंधकार मिटता है और प्रकाश फैलता है तो धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है और हमें अपार संपत्ति देती है।  आज लक्ष्मी पूजन भी होता है।  लेकिन फिर भी आज गरीबी है, भूखमरी है।  इसलिए समाजसेवक दीपोत्सव की आलोचना भी करते हैं। सब अपने अपने जगह सही हैं। हम ​दीपावली को सिर्फ दीपों का उत्सव और घर—आंगन से अंधकार भगाने का मिटाने का उत्सव के रूप में मनायेंगे तो हमारे तन—मन के अंधकार कहां से मिटेगा?  असल में यह पर्व अंधकार यानि अज्ञानता मिटाने एवं प्रकाश यानि ज्ञान फैलाने का भी पर्व है।  आज के दिन लक्ष्मी जी उन्हीं से प्रसन्न होगी जो ज्ञान फैलाने का कार्य करेंगे, अन्यथा दीपावली तो हम ​सदियों से मना ही रहे हैं। आज से हम ज्ञान फैलाने का कार्य शुरू करें तभी परिवार, समाज और देश का कल्याण होगा। समस्त देशवासियों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।  माता लक्ष्मी से प्रार्थना है कि सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
संजय कुमार निषाद

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