अवसर इंसान को बहुत मुश्किल से मिलता है। बाधाएॅं असीमित है एवं अवसर सीमित है। सफल होने के लिए अवसर के महत्व को समझना इसलिए आवश्यक है। आजकल उच्च श्रेणी के प्रतियोगिताओं के लिए सीमित अवसर होते हैं। फलत: सफलता उन्हीें के हाथ लगती है जो कठिन परिश्रम करके सीमित समय में अपनी अध्ययन पूरा करता है। हमारा लक्ष्य जितना उॅंचा होगा हमें समय का महत्व उतना ही अधिक देना होगा। अगर हम कठिन परिश्रम करके भी उचित अवसर का अनदेखा करते हैं तो हमें बार—बार निराशा का मुॅंह देखना पड़ेगा।
चुनाव भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो जनता को अपनी शक्ति एवं बुद्धि—विवेक को परखने का अवसर देती है। चुनाव में देश एवं जनता का भविष्य टिका रहता है। अक्सर देखा गया है कि कमजोर एवं पिछड़े समाज प्राय: महत्वपूर्ण अवसरों पर लापरवाही बरतते हैं। चुनाव में भी उनका सोच नकारात्मक होता है। वे मानते हैं कि उन्हें खुद कमाना एवं खाना है, सरकार या चुनाव से उनको कोई लेना देना नहीं है। इसलिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इनको कोई स्थान नहीं दिया जाता है। इनका वोट बिकाउ होता है। चुनाव के समय इस समाज के व्यक्ति शराब पीकर अपना मत डालते हैं। उनका मत अपने विवेकानुसार नहीं बल्कि चंद रूपये या शराब मुहैया कराने वाले व्यक्ति के अनुसार होता है। समाज के पिछड़ने का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है।
अत: ऐसे समाज के भाई—बहनों से मेरा आत्मीय अनुुरोध है कि अवसर को कभी मत गॅंवाये। चाहे वह चुनाव का अवसर हो या प्रतियोगिता परीक्षाओं का। अपनी योग्यता का परिचय उचित अवसर पर देकर समाज में देश में अपना प्रतिष्ठा बढ़ायें। आज आप अवसर को गॅंवाते है तो आपको बार—बार या जीवनभर पछताना पड़ेगा।
संजय कुमार निषाद
चुनाव भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो जनता को अपनी शक्ति एवं बुद्धि—विवेक को परखने का अवसर देती है। चुनाव में देश एवं जनता का भविष्य टिका रहता है। अक्सर देखा गया है कि कमजोर एवं पिछड़े समाज प्राय: महत्वपूर्ण अवसरों पर लापरवाही बरतते हैं। चुनाव में भी उनका सोच नकारात्मक होता है। वे मानते हैं कि उन्हें खुद कमाना एवं खाना है, सरकार या चुनाव से उनको कोई लेना देना नहीं है। इसलिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इनको कोई स्थान नहीं दिया जाता है। इनका वोट बिकाउ होता है। चुनाव के समय इस समाज के व्यक्ति शराब पीकर अपना मत डालते हैं। उनका मत अपने विवेकानुसार नहीं बल्कि चंद रूपये या शराब मुहैया कराने वाले व्यक्ति के अनुसार होता है। समाज के पिछड़ने का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है।
अत: ऐसे समाज के भाई—बहनों से मेरा आत्मीय अनुुरोध है कि अवसर को कभी मत गॅंवाये। चाहे वह चुनाव का अवसर हो या प्रतियोगिता परीक्षाओं का। अपनी योग्यता का परिचय उचित अवसर पर देकर समाज में देश में अपना प्रतिष्ठा बढ़ायें। आज आप अवसर को गॅंवाते है तो आपको बार—बार या जीवनभर पछताना पड़ेगा।
संजय कुमार निषाद
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