मंजिल तो पाना है।

शिखर पर जाना है।

चाहे कुछ भी हो जाये,

खुद से किये वादा निभाना है।

संजय कुमार निषाद


Thursday, August 7, 2008

जन गण मन अधिनायक जय हे

जन गण मन अधिनायक जय हे

भारत भाग्य विधाता

पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा

द्राविड़ उत्कल बंग

विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा

उच्छल जलधि तरंग

तव शुभ नामे जागे

तव शुभ आशिष मागे

गाहे तव जय गाथा

जन गण मंगल दायक जय हे

भारत भाग्य विधाता

जय हे जय हे जय हे

जय जय जय जय हे

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राष्ट्रगान के बाद वाले पद

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पतन-अभ्युदय-वन्धुर-पंथा,

युगयुग धावित यात्री,

हे चिर-सारथी,

तव रथ चक्रेमुखरित पथ दिन-रात्रि

दारुण विप्लव-माझे

तव शंखध्वनि बाजे,

संकट-दुख-श्राता,

जन-गण-पथ-परिचायक जय हे

भारत-भाग्य-विधाता,

जय हे, जय हे, जय हे,

जय जय जय जय हे




घोर-तिमिर-घन-निविङ-निशीथ

पीङित मुर्च्छित-देशे

जाग्रत दिल तव अविचल मंगल

नत नत-नयने अनिमेष

दुस्वप्ने आतंके

रक्षा करिजे अंके

स्नेहमयी तुमि माता,

जन-गण-दुखत्रायक जय हे

भारत-भाग्य-विधाता,

जय हे, जय हे, जय हे,

जय जय जय जय हे




रात्रि प्रभातिल उदिल रविच्छवि

पूरब-उदय-गिरि-भाले, साहे विहन्गम, पूएय समीरण

नव-जीवन-रस ढाले,

तव करुणारुण-रागे

निद्रित भारत जागे

तव चरणे नत माथा,

जय जय जय हे, जय राजेश्वर,

भारत-भाग्य-विधाता,

जय हे, जय हे, जय हे,

जय जय जय जय हे




रवीन्द्रनाथ टैगोर

1 comment:

PRADEEP said...

इस गान मे किसे भारत भाग्य विधाता कहा जा रहा है ?